सच्चा दोस्त वही होता है, जो सिर्फ आपकी खुशियों में ही नहीं, बल्कि आपके दुख की घड़ी में भी साथ दे. सच्चे दोस्त कभी भी दिखावा नहीं करते हैं. वे बनावटी नहीं होते हैं. ऊपर से कुछ और अंदर से कुछ और नहीं होते. कुछ लोग सच्चे और झूठे दोस्तों में फर्क नहीं कर पाते हैं.

उनके मन में छुपी गलत भावनाओं को भांप नहीं पाते हैं. नकली दोस्त यानी फेक फ्रेंड (Fake Friend) वे होते हैं, जो आपकी परवाह करने का दिखावा करते हैं, लेकिन वास्तव में आपके हित को ध्यान में नहीं रखते. फेक फ्रेंड को फॉल्स फ्रेंड (False friend) भी कहते हैं. ऐसे दोस्त तब तक ही अच्छे बने रहते हैं, जब तक कि उन्हें आपसे कोई लाभ हो रहा हो. ऐसे में आप इन 6 संकतों से पहचान सकते हैं कि आपका दोस्त सच्चा है या झूठा.

सच्चे और झूठे दोस्त में फर्क:

सच्चे मित्र इमोशनल और प्रैक्टिल सपोर्ट का एक मूल्यवान स्रोत होते हैं. कुछ शोध बताते हैं कि जिनके जीवन में अच्छे दोस्तों का साथ हो, उन्हें कभी स्ट्रेस नहीं होता है. इससे मेंटल और फिजिकल हेल्थ बेहतर बना रहता है. नकली और दिखावटी मित्र पर भरोसा करना कठिन हो सकता है, क्योंकि जब आपको वास्तव में इनकी जरूरत होती है तो वे अधिक सपोर्ट, सहानुभूति या वफादारी नहीं दिखाते हैं.

जरूरत पड़ने पर गायब हो जाना:

नकली दोस्त तब आसपास होते हैं, जब उन्हें किसी चीज़ की ज़रूरत होती है, लेकिन तब नहीं जब आपको किसी चीज़ की ज़रूरत होती है. आपकी ज़रूरत के समय वे गायब हो सकते हैं या बहाना बना सकते हैं. यदि आपका भी कोई दोस्त ऐसा कर रहा है तो उससे दूरी बना लेना ही बेहतर होगा.

एकतरफ़ापन:

ऐसे दोस्तों के साथ हमेशा आपका रिश्ता एकतरफ़ा लग सकता है, उदाहरण के लिए, जब भी आप अपने दोस्त से बात करेंगे तो वे सिर्फ अपनी ही बातें करेगा. उसकी लाइफ में क्या चल रहा है, वो शेयर करेगा. अपनी ही राय देता रहेगा. ऐसा भी संभव है कि आपको साथ जो भी हो रहा है, उसमें वे अधिक रुचि न दिखाएं. कहने का मतलब है कि सिर्फ अपनी सुनाना और कहना. जिसके व्यवहार में एकतरफ़ापन झलके, ऐसे फ्रेंड से दूर ही रहने में आपकी भलाई है.

अविश्वसनीयता:

ऐसे दोस्त अविश्वसनीय हो सकते हैं. ये कभी भी किया गया वादा नहीं निभाते हैं. ऐसे में इन पर किसी भी चीज़ को लेकर इन पर भरोसा करना मुश्किल हो सकता है. वे बेशक आपकी मदद करने का वादा करें, लेकिन आखिरी समय में आपको छोड़ कर भाग भी सकते हैं.

विश्वासघात:

दिखावटी और झूठे दोस्त कभी भी आपके प्रति वफादार नहीं हो सकते. वे आपकी हर सीक्रेट बातों को भी दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं. आपकी पीठ पीछे आपके बारे में बुरी बातें कर सकते हैं या आपके बारे में अफवाहें भी फैला सकते हैं.

अनादर:

कभी भी किसी भी परिस्थितियों में बनावटी और झूठे दोस्त दूसरों के सामने आपको ही झूठा साबित करके आपका अनादर कर सकते हैं. अपमानित या उपहास कर सकते हैं.

ईर्ष्या:

ऐसे दोस्त आपकी सफलताओं और उपलब्धियों से खतरा महसूस कर सकते हैं, उन्हें आपकी तरक्की से ईर्ष्या हो सकती है. आपकी उपलब्धियों का जश्न मनाने की बजाय, वे उन्हें कमतर आंकने या आपसे प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर सकते हैं. बेहतर है कि ऐसे लोगों से जितनी जल्दी दूरी बना सकें, बना लें.