साल 2018 की ग्‍लोबल अस्‍थमा र‍िपोर्ट के मुताब‍िक पूरी द‍ुन‍िया में 339 म‍िल‍ियन लोग अस्‍थमा का श‍िकार हुए हैं। यह संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर बच्‍चों में। नवजात श‍िशुओं को भी अस्‍थमा हो सकता है।

जन्‍म के वक्‍त रेस्‍प‍िरेटरी इन्‍फेक्‍शन, एंटीबायोट‍िक्‍स का इस्‍तेमाल, प्रदूषण के आसपास रहने से श‍िशुओं में यह समस्‍या देखी जाती है। लेक‍िन कुछ एक्‍सपर्ट्स ऐसा मानते हैं क‍ि श‍िशु को स्‍तनपान के जर‍िए अस्‍थमा जैसे गंभीर रोगों से बचाया जा सकता है।

स्‍तनपान करवाने से श‍िशु की पूर्ण सेहत अच्‍छी रहती है। श‍िशु की ग्रोथ और बीमार‍ियों से बचाव के ल‍िए स्‍तनपान जरूरी है। स्‍तनपान की मदद से श‍िशु के शरीर को जरूरी पोषक तत्‍व म‍िलते हैं। लेक‍िन क्‍या स्‍तनपान के जर‍िए श‍िशु को अस्‍थमा से बचाव म‍िलता है? इस सवाल का जवाब आगे व‍िस्‍तार से जानेंगे।

इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्‍प‍िटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।

क्‍या स्‍तनपान के जर‍िए श‍िशु को अस्‍थमा से बचा सकते हैं?-

अस्थमा एक ह्रदय और श्वासन तंत्रिका संबंधी बीमारी है, जिसमें फेफड़ों के आसपास की प्रणाली में सिकुड़न होती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्‍टडी में यह बताया गया है क‍ि जो बच्‍चे स्‍तनपान करते हैं, उनमें अस्‍थमा का र‍िस्‍क कम होता है। डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया क‍ि स्तनपान का अस्थमा से सीधा संबंध नहीं है,

लेकिन स्तनपान की मदद से बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूती म‍िलती है, ज‍िससे अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद म‍िल सकती है। हालांक‍ि स्‍तनपान केवल अस्‍थमा से बचने का एक तरीका है। श‍िशु को अस्‍थमा से बचाने के ल‍िए जरूरी सावधान‍ियों का पालन करना जरूरी है। उदाहरण के ल‍िए न‍ियमि‍त चेकअप, सांस की गत‍िव‍िध‍ि चेक करना आदि‍।

नवजात श‍िशु को अस्‍थमा से कैसे बचाएं?-

नवजात शिशु को अस्थमा से बचाने के लिए इन उपायों को ध्यान में रखना चाहिए-
  • धूप और धूल जैसे अधिकांश प्रदूषण कारकों से नवजात शिशु को दूर रखें। धूप में बच्चे को लेकर जाते समय उसे धूप से बचाने के लिए टोपी और फुल स्‍लीव्‍स वाले कपड़े पहनाएं।
  • नवजात श‍िशु को अस्‍थमा से बचाने के ल‍िए उसकी इम्‍यून‍िटी मजबूत रखना जरूरी है और इसके ल‍िए श‍िशु को रोज स्‍तनपान जरूर करवाएं।
  • नवजात श‍िशु में अस्‍थमा के लक्षणों (Asthma Symptoms) को पहचानें। सांस लेने में कठ‍िनाई, अजीब आवाज न‍िकालना, गले में संकोचन आद‍ि अस्‍थमा के लक्षण हो सकते हैं।
  • नवजात श‍िशु को बीमार‍ियों से बचाने के ल‍िए नियमित चेकअप करवाएं और डॉक्‍टर की सलाह और निर्देशों का पालन करें।
  • अपने घर को अस्थमा और एलर्जी से दूर रखने के ल‍िए साफ-सफाई का ख्‍याल रखें। श‍िशु के कमरे में धूल के कण, कीटाणु और धुंआ नहीं होना चाह‍िए।