अक्सर लोगों के मन में ये सवाल आता है कि दो लोगों के बीच प्यार क्यों और कैसे होता है? हालांकि, यह एक कठिन सवाल है, जिसका जवाब देना भी आसान नहीं. लेकिन, इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं. जानें, कुछ 5 चौंकाने वाली वजहों के बारे में यहां.

प्‍यार को अगर दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यह एक ऐसी फीलिंग है जो एक दूसरे के प्रति किसी को भी जिम्‍मेदार बना देती है और हम खुद से अधिक दूसरे की परवाह करने लगते हैं. लेकिन क्‍या प्‍यार किसी को कभी भी हो सकता है या प्‍यार होने की कोई खास वजहें होतीं हैं, ऐसे तमाम सवालों का जवाब आज भी मिस्‍ट्री से भरा है. हालांकि मनोवैज्ञानिक प्‍यार होने की कुछ खास वजहों पर बात करते रहे हैं.

अमेरिकन यूनिवर्सिटी इन काइरो के साइकोलॉजिकल डिपार्टमेंट के शोध के मुताबिक, अगर प्‍यार होने के सबसे कॉमन कारणों की बात की जाए तो ये हैं किसी के प्रति इंटिमेसी, पैशन और कमिटमेंट की भावना है. हालांकि इसके कई अन्‍य कारण भी हो सकते हैं, जिसकी वजह से दो लोग प्यार के बंधन में बंध सकते हैं.

आमतौर पर जब किसी को पता चलता है कि सामने वाला इंसान उन्‍हें पसंद करता है तो यह कई बार प्‍यार में पड़ने की वजह बन जाता है. ऐसे हालात में दोनों के बीच एक इनवॉयरमेंट बन जाता है जहां वे दोनों खुद को दुनिया से अलग महसूस करने लगते हैं और आपके बीच एक मिस्‍टीरियस कनेक्‍शन जुड़ने लगता है.

कई बार एक अनजान ‘आई कॉन्‍टैक्‍ट’ भी प्‍यार में पड़ने की वजह बन सकता है. अगर दो लोग आपस में कभी ना मिले हों और एकाएक अंजान जगह पर उनकी आंखें देर तक मिली रह जाएं तो अक्‍सर यह देखा गया है कि वे एक दूसरे को गहराई से समझने के लिए उत्‍सुक हो जाते हैं और एक दूसरे को जानने का गहरा आकर्षण पैदा होता है. यह प्‍यार की शुरुआत हो सकती है.

हार्मोन्‍स भी कई बार प्‍यार में पड़ने की बड़ी वजह बन सकते हैं. कभी ऐसा हुआ हो कि किसी को देखकर आपका मुंह ड्राई होने लगे, गला सूखने लगे, दिल तेजी से धड़कने लगे, आप एक अंजाना सा स्‍ट्रेस महसूस करने लगें, तो यह दरअसल शरीर में सेरोटोनिन, डोपामाइन, एड्रेनालाइन जैसे हार्मोन के ब्‍लड में बढ़ने से होता है. यह ब्रेन पर उसी तरह असर करता है जिस तरह कोकिन के सेवन कर प्रभाव. यह प्‍यार में होने का एक लक्षण माना जाता है.

वैज्ञानिक रूप से कहें तो एक रोमांटिक रिश्ते में कई अलग-अलग तरह की केमिस्ट्री की आवश्यकता होती है. किसी के प्यार में पड़ने के लिए जितना जरूरी बाहरी उत्तेजनाओं का होता है, न्यूरोकेमिकल प्रक्रियाओं का होना भी जरूरी होता है. मतलब प्‍यार होने की वजह किसी के रूप और गुण के अलावा ब्रेन में हुए न्‍यूरोकेमिकल रिएक्‍शन को भी कहा जा सकता है.