शादी पहले कुंडली मिलाने का चलन सदियों पुराना है. कई लोग इसे आज दकियानूसी मान लेते हैं, लेकिन असल में ग्रहों की चाल और हमारी कुंडली हमारे व्यक्तित्व के बारे में कई जरूरी और अहम बातें बताती है. शादी के बाद पति-पत्नी के रिश्ते में कई उतार-चढ़ाव आते हैं.
ऐसे में अगर आप चाहें तो ज्योतिष और अंकज्योतिष की मदद से अपने रिश्ते को आगे चलकर बर्बाद होने या बिगड़ने से बचा सकते हैं. आइए जानते हैं ज्योतिषगुरू और दस महाविद्या के जानकार मृगेंद्र चौधरी से कि आखिर किन तारीखों पर जन्में लोग अपने पार्टनर को धोखा देते हैं या विवाहेतर संबंध बनाते हैं.
ज्योतिष व वास्तु एक्सपर्ट मृगेंद्र चौधरी बताते हैं कि हमारे ग्रह सिर्फ हमारे भविष्य को बताने का काम नहीं करते बल्कि हमारे जन्म के साथ ही हमारे व्यक्तित्व को बनाने का भी काम करते हैं. ऐसे में कुछ विशेष ग्रहों की स्थितियां और तारीखों का योग हमें बताता है कि किस तरह के व्यक्ति अपने पार्टनर को धोखा देने का या अपनी शादी के बाहर रिश्ते बनाने का काम करते हैं.
4 नंबर राहू का होता है. यदि किसी व्यक्ति का जन्म 4, 13, 22 और 31 तरीख को हुआ है. साथ ही उसके जन्म की इन तारीखों पर बुधवार होने का संयोग बनता है. तो ऐसे लोगों का सबकॉन्शियस माइंड ज्यादा एक्टिव होता है. इन लोगों में आत्मनियंत्रण कम होता है. ज्योतिष के अनुसार यदि इन लोगों की कुंडली में मंगल और ब्रहस्पति कमजोर हो तो ऐसे व्यक्तियों के विवाह के बाहर रिश्ते बनाने के और अपने पार्टनर को धोखा देने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं.
इसे ऐसे समझें कि ब्रहस्पति ज्ञान, धर्म, नैतिक मूल्यों को दर्शाता है. वहीं मंगल आत्म नियंत्रण का, संयम को दिखाता है. तो 4, 13, 22 और 31 तरीख को जन्मे लोगों के जन्म के दिन बुधवार हो तो उन्हें अपने ब्रहस्पति और मंगल को स्ट्रॉन्ग करना चाहिए.
वहीं दूसरा योग बनता है 6 नंबर के जातकों का. यानी जिन लोगों का जन्म 6, 15 और 24 तारीख को हुआ हो और इनके जन्म के दिन शुक्रवार हो तो ऐसे लोगों में शुक्र का प्रभाव ज्यादा होता है. शुक्र ग्रह सेक्शुअल डिजायर का होता है. ऐसे लोग पार्टनर के प्रति काफी केयर दिखाते हैं.
लेकिन वो अपनी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास भी करते हैं. अपनी इमोशनल नीड्स को पूरा करने के लिए वो प्रेमी को धोखा देकर किसी ऐसे व्यक्ति से जुड़ जाते हैं जिसके साथ उनकी भावनाएं साझा होती हैं. ये लोग विवाहेतर संबंध बनाने से भी नहीं हिचकिचाते.
इसे ऐसे समझें कि शुक्र लग्जरी, सेक्शुअल डिजायर जैसी चीजों को दर्शाता है. वहीं राहु आपके मस्तिष्क पर हावी होता है. शुक्र और मंगल की युति यदि हो जाए तो समझ लें कि ऐसे व्यक्ति के जीवन में मल्टीपार्टनर होते हैं. आपकी कुंडली के फर्स्ट हाउस या सेंकड हाउस में शुक्र और मंगल की युति हो तो ऐसे व्यक्ति लोगों को बहुत जल्दी आकर्षित करते हैं.
यदि ये युति तीसरे घर में होतो ऐसे लोगों को यात्रा के दौरान लोगों से मिलने का और उनसे संबंध बनने का योग बनता है. शुक्र और मंगल यदि 7वें घर में युति करें तो एस्ट्रामेरिटल अफेयर के सबसे ज्यादा चांस होते हैं.